I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Saturday, 31 December 2022
498:ग़ज़ल: उम्मीद ए रोशनी
Thursday, 29 December 2022
497: ग़ज़ल: क्या क्या कहें
Wednesday, 28 December 2022
496: ग़ज़ल: पेंचोखम बड़े हैं
Tuesday, 27 December 2022
495:ग़ज़ल:छत पर चौपाल
Monday, 26 December 2022
494:ग़ज़ल:दुनिया के मसाइल से हटकर
Thursday, 22 December 2022
493:ग़ज़ल: खौफ न खाओगे
Wednesday, 21 December 2022
492:ग़ज़ल:चहकते मिलो
Tuesday, 20 December 2022
491: ग़ज़ल:
Sunday, 18 December 2022
490: ग़ज़ल: मौज बनी रहती है
Saturday, 17 December 2022
489: ग़ज़ल:अपने ही अशआर याद नहीं रहते
Friday, 16 December 2022
488: ग़ज़ल:आस्तीन से उतार फेंकिए
Thursday, 15 December 2022
487:ग़ज़ल: उम्मीद खिलने लगी है
Wednesday, 14 December 2022
486: ग़ज़ल- जन्नत भी जाना है
Tuesday, 13 December 2022
485:ग़ज़ल: फासले मिटते नहीं
Monday, 12 December 2022
484: ग़ज़ल लब खोलें तो मुश्किल
Friday, 9 December 2022
ग़ज़ल 483: नए जमाने का इश्क
Thursday, 1 December 2022
482:ग़ज़ल हमें क्या हम तो
Monday, 14 November 2022
481:ग़ज़ल =बचपन की बात
Sunday, 13 November 2022
480:ग़ज़ल =तेरी जुल्फें मुझसे
Saturday, 12 November 2022
ग़ज़ल:479= बंजर जमीन पर
Friday, 11 November 2022
ग़ज़ल 478:लबे जाम का हाथ से फिसल जाना
Thursday, 10 November 2022
ग़ज़ल:477=इल्जाम मढ़ें किसपे
Wednesday, 9 November 2022
ग़ज़ल 476: फकत चलते जाना है
Friday, 4 November 2022
475: ग़ज़ल:-चिंगारी को एक अदद
Wednesday, 2 November 2022
ग़ज़ल:474=गम ये अपना बिसार लूँगा
ग़ज़ल :473 आओ तो सही
Monday, 31 October 2022
ग़ज़ल:472 --- तेरे हुस्न की
Sunday, 30 October 2022
ग़ज़ल 471: हुआ क्या?
Sunday, 23 October 2022
दीपावली की बधाई
Wednesday, 19 October 2022
ग़ज़ल:470
Monday, 17 October 2022
469:ग़ज़ल
Sunday, 9 October 2022
कविता बरसात की
कविता
Thursday, 29 September 2022
गीत: कैसा है?
Monday, 26 September 2022
नवरात्र गीत
Thursday, 22 September 2022
468:ग़ज़ल
Friday, 16 September 2022
467: ग़ज़ल
Sunday, 11 September 2022
466:ग़ज़ल
Saturday, 10 September 2022
465:ग़ज़ल
Thursday, 8 September 2022
464:ग़ज़ल
Wednesday, 7 September 2022
463: ग़ज़ल
Monday, 5 September 2022
संभवामि युगे युगे का तुमुल जयघोष धर्म संस्थापनार्थाय। 卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐卐
Sunday, 4 September 2022
राधाष्टमी
राधा राधा राधा।राधा नाम है एक धारा।
अहर्निश बहने वाला।अमर भक्ति का दाता।
श्री चरणों से बहता जाता।जिस में डूबा जग ये सारा।
जिसने इसमें गोता खाया।उसने इसका स्वाद है जाना।
हर पल सांसों का आना जाना।व्यर्थ यदि इसको न गाया।
जो चाहो तुम इसको पाना।शक्तिपुंज अद्भुत ये सारा।
मात्र सब समर्पण कर दो सारा।और नहीं कोई भी चारा।।
नलिनतारकेश
राधे-राधे।
Saturday, 3 September 2022
462: ग़ज़ल
गजल सुनकर वो तो मेरी रोने लगा था।
बेसबब उसका ही दर्द बयां हो गया था।।
दु:खती रग शायद रख दिया था हाथ उसकी।
बेवजह ही मुझे वो चारागर समझने लगा था।।
यूँ तो बीमार है यारब यहाँ हर कोई।
हमको ही मगर अपना ना पता था।।
चेहरे पर देखो हवाइयां उड़ रही हैं उसके।
जमाने का दरअसल वो सताया हुआ था।।
अजनबी हो गया है यह अपना ही शहर हमसे।
बदलेगा वक्त करवट ऐसे किसको ये पता था।।
लिखते हैं कलाम "उस्ताद" जो हर रोज हम।
दर्द निथारना ये निहायत जरूरी हो गया था।।
नलिनतारकेश @उस्ताद
Friday, 2 September 2022
रिझाने के लिए
जाने कब आ जाए मेरा सांवरा मुझसे मिलने के लिए।
जरा कर तो लूं सोलह श्रृंगार उसको रिझाने के लिए।।
अभी तक तो देह,मन,बुद्धि सभी अत्यंत कलुषित रहे हैं।
करना तो पड़ेगा मगर परिश्रम स्वयं को संवारने के लिए।।
भटकता रहा हूँ धरा में आसक्तियों के चलते जाने कब से। ऐसे कहाँ पर निर्वाह होगा प्यास अपनी मिटाने के लिए।।
चिंता बाह्य परिवेश मलिनता की नहीं बस अंतर्मन की है।
जो मिटानी तो होगी उसकी दृष्टि में सदा बसने के लिए।।
लग जायेंगे जाने कितने जन्म अभी और ये किसे ज्ञान है।
सो करूं मैं अनुनय उसी सांवरे से अपना बनाने के लिए।।
नलिनतारकेश