I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Tuesday, 21 November 2023
615: ग़ज़ल:कुछ नादानियां
Monday, 20 November 2023
614:ग़ज़ल: बेहिसाब हैं चाहतें
Sunday, 12 November 2023
613:ग़ज़ल :एक अलग धुन,अलग मस्ती
Saturday, 11 November 2023
ग़ज़ल: जहां भी रहे
Friday, 10 November 2023
612: ग़ज़ल :जिन्दगी मेहरबान तो शुक्रिया रहे।
Sunday, 5 November 2023
ग़ज़ल:611:in Malaysia 3
Saturday, 4 November 2023
610: ग़ज़ल in Malaysia
609:ग़ज़ल towards Singapore
Friday, 20 October 2023
सीताराम
Thursday, 19 October 2023
श्री बांके बिहारी लीला
Saturday, 14 October 2023
608: ग़ज़ल: #श्रद्धा-सुमन #पित्र पक्ष
Friday, 13 October 2023
607: ग़ज़ल: ये भी चाहिए
Thursday, 12 October 2023
606:ग़ज़ल: छलावा देकर
Wednesday, 11 October 2023
605: ग़ज़ल: खुदा का नाम
Tuesday, 10 October 2023
604: ग़ज़ल: खुदा बचाए
लिखता रहा हूँ गजल बस इसलिए।
घाव नासूर न बन जाए रिसते हुए।।
देख जमाने भर के रंजोगम आसपास ।
दिल ए चैन कहाँ भले लाख संभालिए।।
ऐन मौके पर भूलते हो केवल हमें।
अब कहो कैसे तुझे अपना बताएं।।
सच-सच कहें तो आफत चुप रहे तो भी।
भला ऐसे हालत साथ तेरा कैसे निभाएं।।
जुबान से कहो कुछ और दिल में कुछ रखो।
"उस्ताद" ख़ामख़याली* से तेरी खुदा बचाए।।*फ़र्ज़ी सोच
नलिनतारकेश @उस्ताद
Monday, 9 October 2023
603: ग़ज़ल: सब नाचते प्यालों से
Saturday, 7 October 2023
602: ग़ज़ल: बेसुधी का ऐसा आलम
Friday, 6 October 2023
601: ग़ज़ल: दिल बहलाने को
Thursday, 5 October 2023
600:ग़ज़ल: इतनी कही,इतनी लिखी
Wednesday, 4 October 2023
599: ग़ज़ल: तन्हा है आदमी
Tuesday, 3 October 2023
598: ग़ज़ल: भूकंप
Monday, 2 October 2023
597: ग़ज़ल: सुर लय ताल में गाइए
Friday, 29 September 2023
596: ग़ज़ल: वो मुझे चाहता है
Thursday, 28 September 2023
597: ग़ज़ल: इसे सबसे छिपाना चाहिए
Monday, 25 September 2023
595: ग़ज़ल: दहलीज पार कर न सका
Sunday, 24 September 2023
594: ग़ज़ल: यायावर चलिए
Saturday, 23 September 2023
593: राधा अष्टमी नन्दा अष्टमी की हार्दिक बधाई
Friday, 22 September 2023
592:ग़ज़ल: ईनाम कर दूं
Thursday, 21 September 2023
591: ग़ज़ल:गोल दुनिया
Wednesday, 20 September 2023
590: ग़ज़ल: जड़ों को जमीं से
Tuesday, 19 September 2023
589::ग़ज़ल :लिखवाता तो ईश्वर था।
Monday, 18 September 2023
588:ग़ज़ल: निभाओगे
Sunday, 17 September 2023
587: ग़ज़ल: दिल को बहलाते हैं
Saturday, 16 September 2023
586:ग़ज़ल: मीठी रसीली जिन्दगी
Thursday, 14 September 2023
585: ग़ज़ल: मेरे आशियाने में
खिले तो बहुत फूल,छोटे से इस आशियाँ में मेरे।
जब आओगे मगर तुम बहार तो हम तभी मानेंगे।।
ये शहर सच कहूँ कतई रास आ नहीं रहा अब मुझे।
सोचता हूँ जाकर फिर से बस जाऊं पहाड़ में अपने।।
माना बड़ी तेजी से गाँवों को निगलते ही जा रहे शहर।
अभी भी लेकिन कुदरत भरती यहाँ ताजा हवा फेफड़े।।
वो चाहता है जितना तुझे उतना और कौन चाहेगा।
रहता जो दिल में बेकार ढूंढ रहा उसे तू बुतखाने में।।
मोबाइल तो छूटेगा नहीं कसम से आपके हाथ से हुजूर।
चलिए फिर एक सेल्फी ही मेहमाननवाज़ी में ले लीजिये।।
कम से कम "उस्ताद" इतनी तो तहजीब बनाए रखिए।
बगैर मुंह बनाए कीजिए अपनों के संग में दो बात हंसते।।
नलिनतारकेश@उस्ताद
Wednesday, 13 September 2023
584: ग़ज़ल: हम नहीं निभा पायेंगे
पुरसाहाल लेंगे नहीं कभी वो,भूल के भी बरसो में।
हां मिलेंगे महफिल में जैसे,बगैर मिले मर ही जाते।।
नए जमाने के शउर तो,तौबा-तौबा गले उतरते नहीं।
काम जब पड़ेगा तो,श्रीमान गले आपके पड़ जाएंगे।।
तुरपन करके,जैसे-तैसे चलाते थे काम,पहन फटी नेकर। अब तो मियां बाजार में बिक रहे,क्या खूब ब्रांडेड चिथड़े।
वक्त का ऊंट बेहयायी से बदलेगा करवट,किसे गुमाँ था।
नाते-रिश्ते कौन पूछे,मरे तो हेल्पलाइन से अर्थी उठाएंगे।।
तन्हा रहना ही हमें रास आता,सच कहते खुदा कसम।
ये दुनियावी चोंचले तो "उस्ताद" हम नहीं निभा पायेंगे।।
नलिनतारकेश@उस्ताद
Tuesday, 12 September 2023
583:ग़ज़ल: जाने क्यों इतने चिढ़े हैं लोग
Monday, 11 September 2023
582: ग़ज़ल :साथ सफर का
कुछ खामियां तुझमें हैं और कुछ मुझमें ज्यादा।
रास्ता तो हमें ढूंढना होगा मगर साथ सफर का।।
भूला दिया हो चाहे तूने मुझको मेरे हमसफर।
प्यार मैंने किया था तो कहाँ तुझे भुलाना था।।
आसमान ने बाहों में,जो भर लिया घनी बदली को।
रात भर जाम पर जाम का,बनता तो था छलकना।।
सुरमई हुई शाम,महक सौंधी-सौंधी सी जो उठी।
चांद भी लजाकर जाने कहाँ,चुपचाप चला गया।।
ये कुदरत भी पल में तोला,पल में माशा बदलती रंग है।
दिन तक "उस्ताद" उमस थी रात पर पारा ढुलक गया।।
नलिनतारकेश