Thursday, 7 September 2023

जन्माष्टमी की बधाई

ले लूं बलैया ओ नटखट मोरे कान्हा।
बिना बताएं चुराया दिल तूने कान्हा।।

मैं क्या जानता तुझे,कहाँ ज्ञान अपार।
मगर तेरी चितवन का,हुआ ये कमाल।।

हो गया हूँ मैं तेरी छाया जाने कैसे कान्हा।।

अधर की रसीली मुस्कान का चला ऐसा वार। 
सहज ही हो गया तेरी बांकी अदा का शिकार।।

गीत गाता हूँ तेरे जो तृप्त करते हैं मुझे कान्हा।।

क्या कहूँ कैसे कहूँ बिन तेरे नहीं होता गुजारा यार।
लगा के गले अब मुझे भवसागर से करा दे तू पार।।

 तेरी शरण की गुजारिश बस है अब मुझे कान्हा।।

नलिनतारकेश

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