Monday, 2 October 2023

597: ग़ज़ल: सुर लय ताल में गाइए

सा रे;ग म को जरा एक सुर,लय,ताल में गाइए।
यूँ आसान खुश रहने का नुस्खा मुफ्त पाइए।।

जैसी भी मिली है नसीब से जिंदगी आपको। 
मन लगा,सिटी बजाते बस इसे गुनगुनाइए।।

फूल ही मिलें,रास्तों में बिछे ये मुमकिन नहीं।
जरा कांटों में भी बढ़ने का हौंसला दिखाइए।।

सूरज,चांद,सितारे हर गाम हैं दौड़ते-भागते रहते। 
जीवन की बाजी फिर आप क्यों थक-हार जाइए।।

मदद करता है खुदा भी उसी की जो खुद चप्पू चलाए। 
वरना तो तय है दरिया ए जिंदगी "उस्ताद" डूब जाइए।।

नलिनतारकेश@उस्ताद

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