Saturday, 29 June 2019

177-गजल

सारा जमाना मेरा इकराम* करता है।*सम्मान
तेरे प्यार का ये हंसी असर दिखता है।।
मैं सच में कहां चाहता हूं तुझे दिल से।
शिद्दत से मगर तू तो मुझे चाहता है।।
हर घड़ी,हर कदम पर आगाह करना।
इतना कौन यहां मेरी फिक्र करता है।।
हाथ झटक मगर ये प्यार भरा तेरा।
यूं ही मन मेरा ता-उम्र भटकता है।।
भूला रहूंगा तुझे मैं दुनिया की चाहतों में। हाँकना सही राह फजॆ तेरा ही बनता है।। "उस्ताद"जब परेशान है तू इतना मेरे लिए। बता क्यों नहीं गोदी बिठा मुझे चलता है।।
@नलिन#उस्ताद

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