Saturday 22 June 2019

172-गजल

अच्छी सूरत भली लगती है सभी को।
मगर सीरत कहां मिलती है सभी को।।लाचारी दिखाने के तो हैं बहाने हजारों ही। जूझने की कूवत कहां रहती है सभी को।। उँगलियां उठाना तो आसान है दूसरों पर। खुद की गलती कहां दिखती है सभी को।। लंबी चौड़ी बयानबाजी से बचिये हुजूर।
बात छोटी ही पते की भाती है सभी को।।
भटकते रहो चाहे लाख पुरजोर कोशिश करो।
कहाँ"उस्ताद"की सोहबत मिलती है सभी को।।
@नलिन#उस्ताद

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