बारिश में भीगना बड़ा प्यारा लगे।
साथ तेरा तब और भी प्यारा लगे।।
नन्हीं बूंदे अपनी पायल जो छनकाएं।
हर कदम दिले दहलीज तुम्हारा लगे।।
जोर की हो या फिर रिमझिम फुहार।
हर तरफ बस खूबसूरत नजारा लगे।।
गरजते हैं बादल चमकती है बिजली।
बिछुड़े दिलों को ये तो हंकारा* लगे।।*निमंत्रण
बरसात संग चलने लगे जो चाय-पकौड़ी।
ठहाकों का फिर तो मस्त चटकारा लगे।।
गर्मी उमस से था जो हलकान अभी।
संग बूंदों के वही झूमता आवारा लगे।।
इश्के हकीकी* की झमाझम बरसात में।*ईश्वरीय प्रेम
उस्ताद मोहन का जाना कहाँ गवारा लगे।।
@नलिन#उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Thursday, 4 July 2019
182-गजल
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