Friday 13 September 2019

डगर आसान नहीं

मानता हूँ डगर तेरी है ये आसान नहीं।
हारने वाला पर मैं भी हूँ हौंसला नहीं।।
जिद पर आऊँ,तो कुछ भी मुश्किल नहीं।
मगर ये अदा मेरी,दी है तूने सो मेरी नहीं।।
तू बुलाता सभी को मगर कोई आता नहीं।
राह समझ के नामुमकिन कोई चलता नहीं।।
अब जो मिलने की सोची तो,टालूंगा मैं नहीं।
चुनौतियां आसान यूँ भी,मुझको भाती नहीं।
जानता हूँ जो चलूंगा और जरा भी डरूंगा नहीं।
तू बाँहों में कभी मुझको भरने से हिचकेगा नहीं।।
तेरी आगोश में तय है,अंधेरा पास फटकेगा नहीं।
कदम कहीं भी अब मेरा ये,कभी भटकेगा नहीं।।
@नलिन#तारकेश

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