मुद्दतों बाद आज ऐसी बरसात हो रही। तबीयत से भीगो भारी बरसात हो रही।। बच्चे खुश हैं बड़े रेनी डे जो हो गया।
चलाने गली में कश्ती बरसात हो रही।।
सूखा सा रहा सावन औ निकला सूखा भादो।
असौज*के जाते-जाते सारी बरसात हो रही।*आश्विन मास
मिजाजे लखनऊ है शुरू से ही ऐसा।
सो ये उसमें ही ढली बरसात हो रही।।
उमस जा के दुबकी गुलाबी ठंड है छाई। लाने लबों पर हँसी बड़ी बरसात हो रही।।निकालो"उस्ताद"जो है दुछत्ती में संभाली। छलकाने को जाम आज ऐसी बरसात हो रही।।
@नलिन#उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Friday, 27 September 2019
गजल-252:बरसात हो रही
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