वो बोलता है झूठ कि मुझसे प्यार करता है। असल तो बात है उसे मुझसे काम रहता है।। दुनियादारी इस कदर बढ़ गई है अब तो यहाँ।
गली मोहल्ले हर कोई बस जज्बात बेचता है।।
क्या कहो झूठे गले लगा बाहों में भरने को। जब पीठ पीछे वो तेरे लिए जाल बुनता है।। कदम उसके बढ़ रहे दोजख* को ये उसे खबर नहीं।*नरक
वो तो बस हर घड़ी मेरी मुखबिरी* में दिखता है।।*जासूसी
यूं तो"उस्ताद"बेखौफ है अल्लाह के फजल* से।*कृपा
मगर हद है वो भी उसी से मेरी मौत मांगता है।।
@नलिन#उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Monday, 9 September 2019
230-गजल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment