लो हो गया मुकम्मल एक रुका हुआफैसला आज।
हुआ देर सही वतनपरस्ती का नमक ये अता आज।
डल झील सी आंखों में कश्मीर का अटका था जो सपना।
शाहे मोदी की मर्दानगी से वो हकीकत बन गया आज।।
मादरे वतन का जो ताज था जम्मू-कश्मीर, लद्दाख हमारा।
असल दिख रहा वो तो बखूबी जगमगाता हुआ आज।।
जश्ने माहौल दिखा हर एक रियासते हिन्द की अवाम।
मरकजी-महकूम*से जब लद्दाख को नवाजा गया आज।।*केन्द्रीय शासन
लो अब सही मायने कश्मीर हमारा जन्नत
बन रहा।
लगाई थी बुरी नजर उनका तो मुँह काला पड़ा आज।।
हर तरफ अमन ओ चैन की हवा झूमेगी मुस्तकबिल*बनके।*भविष्य
सुनहरे हफॆ*में लिखा इतिहास का बेजोड़
सफहा**जुड़ा आज।।*अक्षर **पन्ना
"उस्ताद"की मुराद,अल्लाह ने इनायते करम बख्श दी।
लो बहारों ने बरसाए हर तरफ फूल तपते रेगिस्तां आज।।
@नलिन#उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Tuesday, 13 August 2019
गजल-202
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