सूरज की तरह जलता रहूंगा।
रोशनी मगर मैं बांटता रहूंगा।।
कोई दे ना दे तवज्जो मुझे।
तूती*सा यूं ही बजता रहूंगा।।*नक्कारखाने में तूती की आवाज/तोते सा पंक्षी
रूठा रहे चाहे वो संगदिल।
ता उमर उसे चाहता रहूंगा।।
मुश्किलें आएं चाहे कितनी भी।
ख्वाबों में सदा रंग भरता रहूंगा।।
थक के गिरूं चाहे हजार बार।
हारे बिना हौंसला चलता रहूंगा।।
नजर न लगे उसे कहीं मेरी चश्मे बद्दूर।
सो काजल सा आंखों में सजता रहूंगा।। मजलूम के हक के खातिर सदा।
कसम उस्ताद यूं ही लड़ता रहूंगा।।
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Friday, 31 May 2019
152-गजल
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