Saturday, 11 May 2019

135-गजल

मच गया कोहरामे बयान हुआ तो हुआ।
बैल आ मुझे मार ऐलान हुआ तो हुआ।।
सना खूनी हाथ कत्लोगारत में साफ दिखा।
गिले शिकवों से वो अनजान हुआ तो हुआ।।
है मसीहा वो बदहाल मुफलिसों का।
उसे अब भी ये गुमान हुआ तो हुआ।।
निभा दुश्मनों से दोस्ती अपनों से रार।
आवाम अगर परेशान हुआ तो हुआ।।
इस हद तक गिर गए हैं हुजूरे आला। बलिदान का अपमान हुआ तो हुआ।।
दुनिया जाए भाड़ में अपन को है क्या।
लूट-खसोट ही अरमान हुआ तो हुआ।।
दरबदर की ठोकरें ही अब हैं नसीब में।
तेरा ये सहारा एहसान हुआ तो हुआ।।दिलायेगा सबको न्याय अब तो वो ही।
"उस्ताद" अपना बेईमान हुआ तो हुआ।।

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