जरा एक बार अपनी मुस्कान छलछला दो।
ये दुनिया को तंगदिल हंसना सिखला दो।।
बैठा है दर पर बड़ी उम्मीद से वो तुम्हारी।
जैसे तैसे ही सही उसे कुछ तो बहला दो।।
गमे दरिया खेते हो कश्ती कैसे भला तुम।
राजे दिल कभी अपना हमें भी बतला दो।।
जरूरी नहीं मदद करो दौलत से ही गरीब की।
हो सके तो पीठ उसकी बस चुपचाप सहला दो।।
दिलों को जीतने का फन मुश्किल नहीं है।
नेक नीयत का बस अपनी जादू चला दो।।
तुम हो उस्ताद,कसम से बड़ी अजमत (महानता) वाले।
इनायत करम,जो जाली वजूद,मेरा जला दो।
@नलिन#उस्ताद
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Monday, 20 May 2019
143-गजल
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