Monday, 19 May 2014

ये दर्द अभी .....,




















ये दर्द अभी हवा हो जाता है
उनके न आने तक ही ये हवा करता है
गोया उनके सामने मुझे झूठा
बनाना चाहता हो जैसे।
हम लाख कसमें खा लें
मगर वो मानें भी भला कैसे
ये गुस्ताख़ दिल ही ऐसा है
कमबख्त रोकने पर भी नहीं रुकता
आंखिर मचल ही जाता है
सुन दूर से ही आहट उनकी
ये दर्द अभी हवा हो जाता है।

पहले न समझाई हो
ये बात,ऐसा भी नहीं
लेकिन समझाने पर तो ये
और अधिक उखड़ जाता है।
तब उनके न आने पर भी
आहट सुना बेमतलब की
दर्द को डरा-धमका जाता है
जिस को सुन, सच समझ
ये दर्द अभी हवा हो जाता है।


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