Saturday 31 May 2014

पहाड़ी हास्य व्यंग


















१)      संबंधन के पुचछा ,आजकलोक हाल
         गली-गली में देखो ,बिकण लागरो प्यार।

२)     डॉक्टर,इंजीनियर बडून में ,ईज़ बाबू छन हड़बड़ान
         बाद में चेल-चली नी पुछड़इ,यस  छन ननकरनोक हाल।

३)     डबल जस ले दूगण है जाओ ,ईज बाबू यस दिडी ज्ञान
         औरि जे हाड कापड़ी यनर ,दीण में भल-भल जे संस्कार।

४ )    मेश आ मेश दिखड़ी ,यां बाटी वां ,वां बटी यां
         तू मके खाले मैं तुके खुअल ,यस छन हालात।



















५ )    सास ब्वारिन में रोज हुडे ,झाड़ कुटी छलझाड़
         आदिम लिजी अडकसी हेगे ,मारोल कसि डाड।

६)      चुल में खांड वाल बुड -बुडी ,है गईं ओरि एडवांस
         ब्या -पार्टीन में मलमल हेबर ,चटपट खाड़ी भात।

७)     नानतिन ले कसि पछिल रौल ,ऊ तो काटनी सबनेक कान
         दूध -भात पट्ट छू यनेर लिजी ,चाउमीन बर्गर लिजी चूड़े लार।

८)      संस्कार सब गाड़ बग गई ,छिनार जे बड़ रई  रानी
          आम आदिम किले दोष दिछा,जर-जोरू लिजी लड़नी सन्यासी।






















९)      फैशन में कसर नी रैण चै ,किटी लिजी हर बखत तैयार
         खसम लिजी खांड बडून  में ,शेड़िन के उड़े ओरि डाड। 

No comments:

Post a Comment