Monday, 5 May 2014

 गॉव -गॉव में हुई रोशनी 


















गॉव -गॉव में हुई रोशनी
पढने-लिखने देखो निकली
बालक - बूढ़ों की ये टोली।
गॉव -गॉव में हुई रोशनी।।

बांह थाम के एक दूजे की
हिम्मत-करके देखो निकली
भारत के लालों की टोळी।
 गॉव -गॉव में हुई रोशनी।।

माथ लगा के सूरज -रोली
भविष्य सजाने , देखो निकली
दादू , तुलसी की ये टोली।
गॉव -गॉव में हुई रोशनी।।

खोल के , अपनी-अपनी झोली
जन्म सुधारने , देखो निकली
भक्त शारदा की ये टोली।
गॉव -गॉव में हुई रोशनी।।


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