Wednesday, 30 April 2014

श्रम का जय -जय गान करो















हाथ लगेगा सब कुछ तुमको
जो जीवन भर संघर्ष करो।
 मूल मंत्र है इस जीवन का
जीवन भर तुम संघर्ष करो।।

मानव जन्म है साधन पथ
इसका ही बस ध्यान करो।
हाथ पर हाथ धर कर नहीं
फिर छन भर भी विश्राम करो।।

उत्साह, उमंग भर के मन में
हर एक दुःख को दूर करो।
अपने हाथों से अब तुम अपनी
किस्मत का नव श्रृंगार करो।।

अपनी -अपनी मंजिल चुन कर
उस पर तुम अधिकार करो।
तन-मन-वचन सब से मिलकर
श्रम का जय -जय गान करो।।


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