Monday, 14 April 2014

ग़ज़ल -3 






अपने आँचल की छाया में छुपा  ले मुझे।
भटका हूँ बहुत,अब तो राह दिखा दे मुझे।।

तेरे रहमो-करम चलती है सारी दुनिया।
या खुदा जरा कभी,समझा हकीकत ये मुझे।।

बहुत शिद्दत से तेरी तलाश में हूँ भटकता यारब।
एक झलक दिखा दे तस्वीर आईने में  दिल के मुझे।।

ये वादा तुझे आज तो रब करना ही होगा।
ना जायेगा कभी तू अकेला छोड़ के मुझे।।

यूं तो होंगे "उस्ताद" बहुत इस दुनिया में मगर।
शागिर्द अपना हर हाल अब तो तू बना ले मुझे।। 

@नलिन #उस्ताद

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