Monday, 21 April 2014

सीपियाँ -1

पीताम्बर(श्री कृष्ण )

पीताम्बर -तुम 
पीताम्बर -मैं 
पीताम्बर -से 

ऑक्सीजन 

वे उन्नति के शिखर 
चढ़ते रहे। 
बस पीठ पर बड़ा 
चाटुकारिता का सिलिंडर 
लादे रहे। 

ठिकाने 

तस्कर सम्राट बोले 
इनके क्या ठिकाने ?
इन्हें ठिकाने लगाइये। 

दयालू सज्जन 

वे सचमुच ही 
अपने से ऊपर 
बढ़ने वालों की 
पूरी मदद  करते 
उसे बखूबी, सीधा 
ऊपर पहुँचाते। 

पते की बात 

तुम पते की बात 
करते हो 
भगवान का भला 
कहीं घर है। 

भिखारी 

कल मैंने उसे 
एक का सिक्का दिया 
आज उसने मुझे 
सौ का छुट्टा दिया। 






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