Wednesday, 3 May 2023

512: ग़ज़ल:- उसकी मोहब्बत में

उसकी मोहब्बत में वजूद खुद का मिटाना होगा।
प्यार का उन्वान अब इस तरह हमें पाना होगा।।

वो यूँ तो रहता मेरे दिल में ही है कहीं।  
उसको बस तबियत से खोजना होगा।।
 
वैसे जितना आसान लग रहा उतना है नहीं। 
मगर दरिया ए आग कदम तो बढ़ाना होगा।।

दिल जब उससे लगा ही लिया तो डरना क्या।
दुनियावी जद्दोजहद से हर हाल भिड़ना होगा।।

"उस्ताद" के आगे चलेगी नहीं तुम्हारी चालाकियां।
हर एक कदम दामन अपना बचाकर चलना होगा।।

नलिनतारकेश @उस्ताद 

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