Sunday, 28 September 2014

231 - स्वच्छ भारत का अभियान








करवां चल पड़ा है देखो स्वच्छ भारत का अभियान लेकर।
नयी चेतना,नए युग के निर्माण का जय हो संकल्प लेकर।।

राष्ट्रपिता के जन्मदिन पर उनका, हम सब शुभ आशीष लेकर।
श्रीगणेश करें अभियान का,उत्साह-उल्लास से लबरेज़ होकर।।

शौचालय की व्यवस्था कर सकें सबके लिए दूरस्थ गाँव तक।
मल ढोने की प्रथा अब न दिखे कहीं,किसी एक भी गॉव तक।।

नदी,सरोवर जो भी हमको मुक्त-हस्त से सदा रहे हैं जल देते।
उनको नहीं करेंगे गन्दा,आओ मिलकर ये प्रण हम सब हैं लेते।।

गली-मौहल्ले,चौबारे भी जहाँ-जहाँ हैं सब तेरे-मेरे,अपने तो हैं।
घर को जैसे चमचम स्वच्छ करें,इनको हम क्यों नहीं रखते हैं।।

शत्रु ,मित्र जो भी आए देश में अपने, विश्व के किसी भूभाग से।
खिल उठे फिर तन-मन उनका,देख रमणीय यहाँ की ठाँव से।। 

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