Thursday, 25 September 2014

230 - योगदान विकास में




चिरप्रतीक्षित नए युग का श्री गणेश हो गया।
मंगलयान उड़ान से राष्ट्र मंगलमय हो गया।।

उम्मीद की लौ जो थी कभी बहुत हलकी रही।
मद्धम से बढ़कर अब विशाल आकार ले रही।।

हर तरफ गूंजने लगा है जज्बा,फिर देशभक्ति का।
प्राण फूँकने लगा है चारों तरफ नेतृत्व नरेंद्र का।।

जमीनी स्तर से लेकर आसमाँ की बुलन्दियों तक।
संजीदा दिखता है इरादा राष्ट्र का नई मंजिलों तक।।

"मेक इन इंडिया" की शुरुआत बनेगी प्रगति मन्त्र।
सोने की चिड़िया फिर होगा अपना ये लोकतंत्र।।

हम भी कब तलाक हाथ बांधे रहें इस नए दौर में।
आइए जितना हो संभव करें योगदान विकास में।।

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