खुद पर हो यकीं तो इल्जाम मढे नहीं जाते। सहारे किसी के भी शिखर चढ़े नहीं जाते।।
कहे लाख कितना ही वो तुमको अपना।
गले कभी मरे सांप भी जड़े नहीं जाते।।
आंखों में तेरे कुछ सपने होने चाहिए।
बिना बुनियाद के मकां गढे नहीं जाते।।
रिश्तों को जीना हो अगर सुकूं से।
गड़े मुर्दे कभी उखाड़े नहीं जाते।।
बैठक में हाकिम की हंसी ठठ्ठा करें जो।
वो चाहे हों गुनाहगार पकड़े नहीं जाते।।
प्यार तो है निहायत खूबसूरत सी शै।
जताने को उसे कलाम पढ़े नहीं जाते।।
झड़ चुके हैं जिनकी खोपड़ी से सारे बाल।
उस्ताद कंघे से बाल उनके कढे नहीं जाते।।
I am an Astrologer,Amateur Singer,Poet n Writer. Interests are Spirituality, Meditation,Classical Music and Hindi Literature.
Friday, 5 April 2019
117-गजल
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