Sunday 21 April 2019

125-गजल

रंगीन सपने यूं तू देखना हर रोज।
जमीं मगर पांव रखना हर रोज।।
मुश्किल नहीं है कुछ भी तो यहां।
बस ये ठान कर चलना हर रोज।।
कोई चाहे तुझे या ना चाहे।
खुद को तू चाहना हर रोज।।
मंजिल तो आयेगी चलकर तेरे पास।
बस अपनी ताकत झोंकना हर रोज।।
खुदा की मेहरबानी सब पर है बराबर।
ये दिल से तू मान के चलना हर रोज।।
उस्ताद तुझमें,मुझमें फर्क है नहीं।
आंखों से रूह की देखना हर रोज।।

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