Sunday, 28 April 2019

130-गजल

पारस की तरह आज उसने जो छू लिया है।
सराबोर रोशनी से पूरा मुझको किया है।।
हर सांस पर मरना और हर सांस पर जीना।
खुदा ने भी क्या अजब फलसफा दिया है।।
उसे तो है फिकर मेरी मुझसे भी ज्यादा।
तभी तो अपना उसे बनाया औलिया है।।
कड़ी धूप गुनगुनाते जो चला जा रहा।
लोग कहते हैं उसको ये पागल पिया है।। शोहरत की बुलंदियां पल में दिलाता है जो।
रसिकों का वो यार मेरा बड़ा ही रसिया है।।
आसां नहीं उसकी चौखट पर सजदा करना।
वो तरसाता दीदार को अपने तो छलिया है।।रोको ना उसे पांव में जंजीर डाल के यारों।
वो तो बहता हुआ एक मौजों का दरिया है।।
लो आज तो गजब हो गया उस्ताद देखो।
पहली बार जो उसने पहलू बैठा लिया है।।

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