Friday, 1 December 2017

ले लिया जब सरेआम नाम

ले लिया जब सरेआम नाम हमारा तुमने
दे दिया हमको तब तब एक सहारा तुमने।

सोचा था होगा कहां ऐसा नसीब कभी अपना दामन से हमारे कांटों को खुद हटा दिया तुमने।

प्यार का अनोखा रंग जर्रा जर्रा हर तरफ प्यारे आंखों से अपनी क्या खूब दिखा दिया तुमने।

भटक रहा था जाने कहां-कहां गुफा,जंगलों में घर बैठे एक रोज पर अपना दीदार करा दिया तुमने।

गुमशुदगी से उबार दिया वजूद इस नाचीज का
अपना कह "उस्ताद" जब पुकार लिया तुमने।

@नलिन #उस्ताद

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