Sunday, 19 November 2017

यूं तो जो होना है वही होना है

यूं तो जो होना है,वही होना है
क्या पता कुछ करें,तब होना है।

धूप,बरसात मजदूर गीत गाता
महल में उसे पर,परेशां होना है।

जब तक रहो,सेतते सपने रहो
मरना,जीना यूॅ होना ही होना है।

वो छूते ही तुझे बना देता है सोना
पारस को मगर कहाॅ कुछ होना है।

गुनी वो बड़ा,बनता है तभी
रियाज जब हर घड़ी होना है।

जाना था कहाॅ,पहुॅचे कहाॅ
मय पी यही तो होना है।

ऑखों में सपना,दिलों में तूफाॅ
जवानी में यही तो होना है।

चूमो बुलन्दियाॅ,लाख आसमाॅ की
जमीं में मगर पाॅव होना है।

इकबाल बुलन्द चाहा था कभी
जाना उसे तो फानी ही होना है।

भीतर तुझे जो तुझको दिखा दे
"उस्ताद"तेरा वही तो होना है।

@नलिन #उस्ताद

No comments:

Post a Comment