Tuesday, 30 December 2014

290 - नववर्ष स्वागत2015




नववर्ष स्वागत आओ सभी
उल्लास से मिल-जुल करें।
जो हुईं त्रुटियाँ गतवर्ष हमसे
उनसे तौबा इस वर्ष हम करें।
माँ वसुंधरा के लाल हम सब
राग-द्वेष,छल-कपट काहे करें।
प्यार के एकसूत्र बांध सबको
विकास-पथ,दृढ़ प्रशस्त करें।
माँ-बेटी,बहन-पत्नी या हो सखी
सम्मान नारी का हम सब करें।
प्रेम-सौहार्द,दया-शुचिता बीज से
फसल भविष्य की नई तैयार करें।

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