Wednesday 23 August 2023

569: ग़ज़ल: चन्द्रयान की सफलता हेतु दुआ

बहुत बहुत बधाई के साथ सभी देशवासियों को
卐卐卐卐卐卐卐卐ॐ卐卐卐卐卐卐卐卐

दूरीयां कितनी भी बड़ी हों,कभी भी बड़ी नहीं होती।
मिट जाते हैं सारे फासले,हो मगर मोहब्बत सच्ची।।

मेरे महबूब तुझसे मिलने की बेकरारी है इतनी जा बढ़ी।
रकीब आ गले लगाए उससे पहले मैंने नकाब उठा दी।।

चांद मेरे हमनशीं,मेरे हमदम,तुझसे कहाँ कुछ भी छुपा।
मुझे कभी तेरी ये,नफासत भरी पर्दादारी भली न लगी।।

राज क्या है जो इतना करीब आकर भी ओझल हो जाए। दूसरों से भला क्यों सुनूं,अपनी जुबानी तू बात तो सही।। 

"उस्ताद" ये आंख-मिचौली,अब तो बंद कर दे खुदा के वास्ते।
बेइंतिहा मोहब्बत को न ठुकरा इस बार,तुझे कसम है मेरी।।

नलिनतारकेश @उस्ताद

2 comments:

  1. देश एवं वैज्ञानिकों की बहुत बहुत बधाई👍👍🙏
    आपकी रचना के लिए भी बहुत बहुत बधाई।👌👌🙏🙏

    ReplyDelete
  2. बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete