Saturday, 30 November 2019

280:गज़ल-दर्द में तो

दर्द में तो सबसे पहले पूछते हमको।
खुशी में लोग मगर भूल जाते हमको।। 
दर्द न हो किसी को यही चाहते हम तो।
फिर वो चाहे सदा ही भूलें रहें हमको।।
खुदा करे रहें सब ही खुशहाल यहां पर।
दर्द तो किसी के भी तकलीफ देते हमको।।
दर्द में किसी के कैसे खुश हो सकता कोई।
सवाल ऐसे सदा हैरान परेशां करते हमको।।
"उस्ताद" ये दुनिया भी अजब बनाई उसने। 
दर्द  होते ही क्यों समझ जरा न आये हमको।।
@नलिन#उस्ताद

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