Tuesday, 6 November 2018

गजल-17

सबको दिपावली की ढेर सारी बधाई
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घर-घर लो हो गई हर तरफ रोशनी दिवाली में।
उत्साह,उल्लास,उमंग कि बोहनी दिवाली में।।

लक्ष्मी खिलखिला नाचती डूब के गहरे जश्न में।
रिद्धि-सिद्धि संग गणेश की खूब छनी दिवाली में।।

मची खूब होड़ देखो एक दूजे का करने को मुंह मीठा।
लज्जत-ए-पकवानों की खुशबू तो है महकनी दिवाली में।।

परिधानों में बढ़कर एक से एक सजे हैं सभी। वणिकों* की भी बढ़ रही है आमदनी दिवाली में।।*व्यापारी

क्या खूब जमीं से आसमां तक दिख रहे आतिशबाजी के नजारे।
फुहारों से इंद्रधनुषी सजी मस्त रजनी* दिवाली में।।*रात

इल्तजा बस यही है उस अपने परवरदिगार से।
दिलों में हो"उस्ताद"सब के रोशनी दिवाली में।।

@नलिन #उस्ताद

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