Wednesday 25 July 2018

बहे दरिया लबालब प्यार का।

आंखों में उसकी बहे दरिया लबालब प्यार का।
डूब के देखो तो सही गहरा कितना प्यार का।।

घर जो बसा लेता है सभी के दिलों में।
होता है उसके पास तो वीजा प्यार का।।

दिखती है ये कायनात सारी चटक शोख रंगों से सजी संवरी।
अभी देखा ही कहां हुजूर आपने जलवा-ए- फन प्यार का।।

देखते ही जो कभी लगता है बड़ा अपना। जन्मों से उस से होता है रिश्ता प्यार का।।

सूखा दरख्त जो खिल जाता है बहार में।
वो और कुछ नहीं बस कमाल है प्यार का।।

दिल-ए-अजीज जो अब हो गया "उस्ताद" सब का।
राज अगर सच बताऊं तो वो है प्यार का।।

@नलिन #उस्ताद

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