Tuesday, 5 August 2014

लघुकथा -18

विकृति

दंगों के बाद की बात है। एक छोटे बच्चों के स्कूल के सामने छुट्टी के समय एक ठेले वाला गन्ने का रस बेच रहा था। दो बच्चे जो उस कौम के,जिनका दंगों में सर्वाधिक नुक्सान हुआ था गन्ने का रस मांगने लगे। गन्ने वाले के सब गिलास लगे थे अतः उसने बच्चों से थोड़ा रुकने को कहा। इसपर उसमें से एक लड़का भड़क उठा और कहने लगा,"हमारे घरों को लूट लेने के बाद भी तुम्हारे पास गिलासों की कमी है?गन्नेवाला  हतप्रभ था।


1 comment:

  1. दंगे हमारे सामाजिक ताने बाने को ख़त्म करने का काम करते हैं भगवान बचाये इन दंगाइयों से !

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