Saturday, 5 July 2014

लघुकथा -8

अन्तर्मुखी 

शर्मीला चुप-चुप सा रहने वाला सौम्य  स्वाभाव और किसी भी बात पर हौले से मुस्करा देने की आदत शायद कुछ ऐसे ही गुणों के संग्रह के कारण वह अपने परिचितों में अंतर्मुखी के नाम से जाना जाता था। एक दिन पता लगा की वह घर से  भाग गया है तो लोगों को लगा की कोई उसे उठा ले गया है या कि फिर वो खुद ही किसी साधु के साथ निकल गया होगा। लेकिन जल्दी हे पता लगा कि अंतर्मुखी किसी नाबालिग लड़की को साथ भगा ले गया है। 

No comments:

Post a Comment