Monday, 16 June 2014

बजरंगी तेरी कृपा

                                                                                


बजरंगी तेरी कृपा की खातिर                  
लगा रहा हूँ मैं एक अर्जी। 
सुन लेगा तो ठीक ही होगा 
वैसे आगे तेरी मर्ज़ी। 
मैं तो जीव हूँ,बड़ा पातकी 
कर दे पर ये इच्छा पूरी। 
परम-तत्व से प्रीत लगा दे
 दे-दे सिय-राम की भक्ति।
यूं तो मांग कठिन है जानूँ 
पर करनी तो होगी पूरी। 
और न कुछ मुझे लुभाये 
बाल-मति नहीं वश में मेरी। 
सो बार-बार चरणों में तेरे 
गिरकर करता,यही मैं विनती। 
पूरी कर दे,जैसे-तैसे 
वर्ना होगी,तुझसे कुट्टी।  

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