Wednesday, 28 June 2023

अल्पना सजाएं

सितार के आज तार छेड़ें,मृदुल हाथों से चलो अपने।
नवल वसन्त राग गाएं,अप्रतिम प्रेम के हम पाग सने।।

इंद्रधनुषी सृष्टि में आओ कुछ चटक रंग भरकर दिखाएं। चंपा,चमेली,गुलाब,पुष्प-पराग से दसों दिशा महका दें।।

हरी भरी वसुंधरा में,मृगशावकों से हम उछलते-कूदते।कजरारे नैनों की बुझा विपुल व्यास,आ उसे तृप्त करें।।

सूरज,चांद,सितारे चमचमाते,गगन से लाकर उतार नीचे।
खेलें मिलकर हम सब साथ,इन्हें अपनी कन्दुक बना के।।कन्दुक : गेंद

शांति-सद्भाव,आशा-विश्वास के गीत पुरजोर गुनगुनाते।
घर-घर प्रत्येक चौखट जाकर,सात्विक अल्पना सजाएं।।

नलिनतारकेश

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