Sunday 11 June 2023

एक उत्तराखंड देवभूमि पर गीत (महिलाओ पर)

एक पहाड़ी गीत महिलाओ की स्थितियों पर
########################

मठु-माठ* भलि के उतरिए पहाड़ ओ बैना**।*धीरे-धीरे ** बिटिया/बहन
मठु-माठ भली के उतरिए पहाड़।।
जाडें छी अगर तू भांवर* या फिर मीना-बाजार।*प्रदेश 
झन फोड़ लिए ओ चेली तू अपुण यो कपार*।।*माथा
मठु-माठ भलि के उतरिए पहाड़ ओ बैना।
मठु-माठ भली के उतरिए पहाड़।। 

मैश* कां रह गईं सब जाग छन आदमखोर बाघ।*आदमी
तू नादान,जमाड़ थें अनजान वां रुणी* सब घाघ।।*रहते
मठु-माठ भलि के उतरिए पहाड़ ओ बैना।
मठु-माठ भली के उतरिए पहाड़।।

उत्तराखंड छू देवभूमि हमार लिजी धरिए तू येक लाज।
डबलनैक* टोटा जरूर भे पर यंई छू हमर असल मान।।*रूपया 
मठु-माठ भलि के उतरिए पहाड़ ओ बैना।
मठु-माठ भली के उतरिए पहाड़।।

नलिनतारकेश

No comments:

Post a Comment