Monday, 13 September 2021

389: गजल- दामन ना छोड़िए

दिल में मस्ती औ जुनून आँखों में अपनी घोलिए। 
इनसे मिलने की कवायद इस तरह शुरू कीजिए।।

खायेंगे ये तो भाव बहुत ही हसीं सबसे ज्यादा जो ठहरे। 
हर हाल अब आप इनके नखरे उठाना सीख लीजिए।।

यूँ ना आसानी से गिरफ्त में प्यार की आयेंगे सरकार ये। दिल खोल उड़ेल अपना सब कुछ दरियादिली दिखाइए।।

हैं चाहने वाले एक नहीं इनके हजार मारे-मारे फिर रहे। दूसरों से अलग हटके जरा रूमानियत अपनी जताइए।।

भरम में हजार डाल जुल्फें छिटक बच के निकल जाएंगे। किसी भी कीमत मगर छोड़ने की भूल दामन न सोचिए।।

ये तो हैं उस्तादों के भी बड़े "उस्ताद" जानिए कसम से।
जनाब यूँ मुगालते में भी कभी इनको हल्के में न लीजिए।

@नलिनतारकेश

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