Wednesday, 8 September 2021

385: गजल-- बन के बच्चा

जलवों का भला तेरे  जिक्र कहो कैसे किया जाए।
आफताब* ए रोशनी क्यों अब जुगनू दिखाया जाए।।
* सूर्य 

पास होकर दूर और दूर होकर भी पास है हमसे।
अबूजा है बड़ा तू किसी को कैसे समझाया जाए।।

कहते हैं आलिम सभी बसता है दिल में ही हमारे।
है फुर्सत किसे मगर जो धड़कनों को सुना जाए।।

रवायत को जमाने के हिसाब से खूबसूरत मोड़ दो।
जरूरी नहीं ये कि हर बात के लिए बस लड़ा जाए।।

बहुत हो गया गुरूर हमें सिर पर सफेद बालों का अपने।बनके बच्चा आओ जरा फिर से "उस्ताद" रहा जाए।।

@नलिनतारकेश

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