Saturday, 10 July 2021

कविता: क्या इतना सरल है?

क्या इतना सरल है ?
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प्रेम का प्रकटीकरण कहो करना क्या इतना सरल है?  रोकना अपने हृदय के उद्गार सारे क्या इतना सरल है?

पदत्राण बिना चलना अंगारों पर क्या इतना सरल है ?शुष्क अधरों पर मुस्कान ओढ़ना क्या इतना सरल है?

प्रेम यदि हो अलौकिक तो थाह लेना क्या इतना सरल है? आत्मसात हो करना द्वैत चर्चा करना क्या इतना सरल है?

निश्छल छल- प्रपंच मुक्त प्रेम करना क्या इतना सरल है? तेरा-मेरा,उसका-इसकाभुलाना सब क्या इतना सरल है?

पंक के बीच रह खिलना नलिन सा क्या इतना सरल है? देखना सबके हृदय-घट में,परम-ब्रह्म क्या इतना सरल है?

@नलिनतारकेश 

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