Saturday, 8 September 2018

दिल

                     दिल
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बेवजह किसी से ना दिल लगाया कीजिए।
हां लगाएं अगर तो उसे निभाया कीजिए।।

यूॅ तो दिल लगाना,तोड़ना भी कहाॅ बस में है। पुचकार कर मगर उसे हुजूर समझाया कीजिए ।।

बिल्कुल नन्हें बच्चे सा मचलने लगता है ये दिल।
चुपचाप थोड़ी देर मगर आप तसल्ली किया कीजिए।।

चुपचाप टूट कर जो बिखर जाता है दिल शीशे सा।
खूं तो रहेगा ही मगर दिखे ना दिखे क्या कीजिए।।

शोख रंगों से हो दिल में ऐसी गजब की कशीदाकारी।
हर दिले जज्बात की निगाहों को खूब छकाया कीजिए।।

खुदा की है क्या खूब इनायत ये दिल हमारा।
"उस्ताद"धड़कनों पर इसकी गुनगुनाया कीजिए।।

@उस्ताद #नलिन

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