Thursday, 27 August 2015

348 - घर ओ मेरे प्यारे घर तू तो है सबसे न्यारा घर।



घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर। 
कितना प्यार करता हूँ -मैं तुझे 
और तू भी तो करता है -प्यार मुझे। 
घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर।
एक दूजे से हो गया है 
प्यार ही प्यार-तुझे मुझे। 
दरअसल हम बनें ही हैं 
कि प्यार करे तू मुझे 
और में करूँ प्यार तुझे। 
घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर।
बाँहों में बाहें डाल के मैं 
चलता हूँ  तुझे 
तू भी तो अपनी बाँहों में 
झूलता है मुझे। 
घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर।
तू कितना न्यारा और सजीला है 
ओ मेरे दिलदार,घर मेरे 
देखने आते हैं सब तुझे 
जोहता है बाट तू मुझे। 
घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर।
जाने कितने सपने दिखाए हैं 
तेरी आँखों ने मुझे 
हकीकत के रंग से सजे 
सब न्योछावर हैं तुझे। 
घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर।
"नलिन" सी खिलती जिन्दगी मेरी 
भेंट है तेरी मुझे 
उपकृत जीवन भर हूँ सदा तेरा 
और क्या कहूँ भला तुझे। 
घर ओ मेरे प्यारे घर 
तू तो है सबसे न्यारा घर।

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