Friday, 14 August 2015

341 - प्रार्थना तो बहुत हुई

प्रार्थना तो बहुत हुई
अब कृपा का वरदान दीजिये।
मेरे प्रभु श्रीराम अब तो
चरणों में स्थान दीजिये।
मैं दीन,हीन मलिन मति
दुर्भाग्य को मिटाइये।
भग्न ह्रदय,सुरहीन गीत
अब और न  भटकाइये।
अतृप्त "नलिन" नैन बस कर
मेरे भाग्य तो सवारिये। 

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