Thursday, 20 August 2015

कैंची बाबा का भंडारा 





कैंची में बाबा का भंडारा
चल रहा, जोर-शोर से आज।
जैसा कि हर बरस इसी दिन
लगता है ये हर बार।
ऋद्धि-सिद्धि की करनी का
कौन कर सके गुणगान
बाबा जिसको यश दिलवाते
जग में वो पाता सम्मान।
भक्तों का ताँता लगता है
कैंची धाम में आज।
जैसा भाव ले यहाँ जो आता
वैसा फल पाता तत्काल।
मालपुआ प्रसाद में पाकर
तन-मन तृप्त, करे अपार।
जन्म-जन्म के बंधन कटते                                                                        
 ऐसा सब जन का विश्वास।
बाबा अदृश्य रूप विचरते
गली-गली हर धाम।
श्रद्धा- विश्वास यदि हो तुमको
दर्शन होते हाथों-हाथ।
कभी कृपा-स्वरुप बन स्वयं ही
देखो करते हमें निहाल।
बाबा के श्री चरण-प्रताप से
कटता सारा माया-जाल।
आओ फिर छोड़ सभी कुछ
कर लें बाबा का गुणगान।
जीवन सफल हो जाए अपना
पाएं जो हम ऐसा वरदान।

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