Tuesday, 18 November 2014

261- जब भी  लिया नाम तुम्हारा

जब भी  लिया नाम तुम्हारा, मुश्किलों से हुआ किनारा
हर शख्स की जुबान पर ,गुलज़ार हुआ नाम हमारा।
दिन को रात रात को दिन ,जैसा चाहा वक्त बनाया।
तेरी चौखट में रगड़ के माथा, हमने खूब नाम कमाया।
मेरी खातिर तूने जाने ,समय-समय पर वेष बनाया।
ज़र्रा-ज़र्रा महक रहा है ,जब से तूने गले लगाया। 

No comments:

Post a Comment