Sunday, 16 November 2014

259 - हर रूप में


















प्रथम पूज्य आदि देव श्री गणेश,तुम ही तो हो
भोले-शंकर औढरदानी मेरे बाबा,तुम ही तो हो।

हर रूप में भाव-युक्त हो दिखने वाले,तुम ही तो हो
सदा भक्तों के उर बसने वाले भगवान,तुम ही तो हो।

कभी निश्छल बच्चों से भोले -प्यारे,तुम ही तो हो
कभी रूद्र भयंकर,कालों के काल,तुम ही तो हो।

एक पुकार पर कष्ट मिटाने को आतुर,तुम ही तो हो
झूठा कर खुद को,भक्तों का मान बढ़ाते,तुम ही तो हो।

भृगु के चरण छाप उर में धारे फिरते,तुम ही तो हो
कनक भूधराकार बजरंगी मेरे बाबा,तुम ही तो हो।

No comments:

Post a Comment