Thursday, 9 October 2014

239- लेक्चर (लघुकथा )



बंधू जी पूजा की सामग्री लेने गए थे। दुकानदार से पंचमेवा देने को कहा और उसमे एक आद काजू भी डाल देने का अनुरोध किया। इस पर दुकानदार ने उन्हें बड़े प्रेम से समझाते हुए कहा,बंधू जी काजू आपको कोई हेल्थ बनाने को तो चाहिए नहीं। वैसे भी एक आद काजू से आपकी हेल्थ बनने से रही। हाँ उलटे कभी न चखे होने से जैसा आपके चेहरे से लग रहा है,अपच ही संभव है। फिर देखिये यह सामग्री तो भगवान के लिए है और उनके लिए काजू हो न हो क्या फर्क पड़ता है। वह तो आपकी हालत जानते ही हैं कि आप  ……।
बंधू जी अधिक न सुन पाये। चुपचाप नमस्कार की मुद्रा में उसे हाथ जोड़ आगे बढ़ने में ही अपनी भलाई समझ गए। 

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