Saturday 29 March 2014

राम -रमईया

राम -रमईया 
नाच नचईया 
ता -ता थईया 
ता-ता थईया। 

जिसको जैसा नाच नचाये 
वैसा ही नाचे भईया। 

राम -रमईया   … 
भेद तो अपना वो ही जाने 
ऐसा नटखट बाल  कन्हैया। 

राम-रमईया   … 
कभी पकड़ कर अंग लगाये
छन में ओझल,मेरी दईया।

राम-रमईया   … 
आँख मिचौलि बस और नहीं अब 
तुझको सौ है,पकडूं मैं पईयां। 

राम -रमईया   … 
तेरी मोहक,बांकी चितवन पर 
पल -पल में नित लेउँ बलैया। 



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