Tuesday, 25 March 2014

बहारों का मौसम

बहारों का मौसम चला जाए तो क्या है -
तुम साथ हो मेरे , तुम साथ हो मेरे
हर पल आरज़ू बन जाए।

ये निगाहें हैं या साकी तेरे पैमाने,
पिला जो दो तो ज़िन्दगी बन जाए।

बहारों का मौसम चला जाए तो क्या है -
तुम साथ हो मेरे , तुम साथ हो मेरे
हर पल आरज़ू बन जाए।

ये ज़ुल्फ़ें हैं या घटाओं के लबादे,
फैला जो दो तो बात बन जाए।

बहारों का मौसम चला जाए तो क्या है -
तुम साथ हो मेरे , तुम साथ हो मेरे
हर पल आरज़ू बन जाए।

ये बोल हैं या सुंदर तेरे अफ़साने,
सुना जो दो तो हकीकत बन जाए।

बहारों का मौसम चला जाए तो क्या है -
तुम साथ हो मेरे , तुम साथ हो मेरे
हर पल आरज़ू बन जाए। 

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